योग में बद्ध पद्मासन का अपना एक अलग ही महत्व होता है। इस आसन में दोनों हाथों की मदद से शरीर को बांधा जाता है, इसलिए इस आसन को बद्ध पद्मासन कहते हैं। हम आपको पहले ही यह सलाह दे दें कि इस आसन को किसी जानकार के सामने ही करें, ताकि आप इसे सही तरीके से कर सकें। इस बात का ध्यान भी हमेशा रखें कि गलत आसन करने से शरीर को नुकसान भी हो सकता हैं। यह आसन कठिन आसनों में से एक है। आइए आपको इस आसन को करने की विधि, फायदे और नुकसान के बारे में बताते हैं।
बद्ध पद्मासन को करने की विधि
इस आसन को करने के लिए सबसे पहले आप जमीन में चटाई बिछा लें और फिर उसमें बैठ जाएं। इस बात का ध्यान रखें कि आपकी एड़ियां आपके पेट के निचले भाग से सटी हो, आपके पंजे जांघों से बाहर निकली हुई हो और आपकी बांया हाथ पीछे की तरफ हो। बाएं हाथ से बाएं पैर का अंगूठा पकड़ें। अब ठीक इसी तरह से दांए हाथ को पीछे ले जाकर दांए हाथ से दांए पैर के अंगूठे को अच्छी तरह से पकड़ लें। इस दौरान अपनी कमर और रीढ़ की हड्डी सीधा कर लें। अपनी आंखों को बंद करके आराम से लंबी लंबी सांसे लेते और छोड़ते रहे। आप जितनी देर तक इस आसन में बैठ सकते हैं, उतनी देर तक इस आसन में ही बैठे रहें।
बद्ध पद्मासन के फायदे
- इस आसन को करने से दुबलापन दूर होता है और हमारे शरीर में ताकत बनी रहती है।
- इससे छाती चौड़ी होती है।
- इस आसन को करने से गर्दन और पीठ का दर्द ठीक होता है।
- रक्त संचार बेहतर होता है।
- जिगर, दिल और फेफड़ों से जुड़ी सारी समस्याएं दूर होती हैं।
बद्ध पद्मासन के नुकसान
- मोटे लोग इस आसन को करने से बचें।
- इस योग को किसी जानकार के सामने ही करें।
- अगर आपकी कमर या हाथ की कोई हड्डी टूटी हुई हो तो ऐसे में आप इस आसन को ना करें।