ड्रमस्टिक को आमतौर पर हिंदी में सहजन और मोरिंगा कहा जाता है और आंग्रेजी में ड्रमस्टिक कहते है, सहजन में मूल्यवान खनिज प्रोटीन और आवश्यक खनिज तत्व पाया जाता है इसको आमतौर पर सांभर में डाला है, यह दाल के रूप में या सूप की तरह कई मायनो में स्वास्थ्य के लाभ के लिए कर सकते है सहजन पोषक तत्वों में उच्च और प्रकृति में स्वादिष्ट होने के नाते आठ कारणों से आप अपने आहार में शामिल करना कर सकते है
सहजन (मोरिंगा) में पोषक तत्व
- बिटामिन A, B1, B2, B3, B5, B6, B9, C
- कैल्शियम
- आयरन
- पोटैशियम
- डिएटरी फिब्रेस
- वाटर कार्बोहाइड्रेट्स
- प्रोटीन
- सोडियम
- ज़िंक फास्फोरस
सहजन की फली के सेवन के फायदे
- यह हड्डियों को मजबूत बनता है
- यह खून का शुद्धिकरण करता है
- इसका सेवन करने से खून का शुगर लेवल कम होता है
- यह गर्भवती महिला के लिए बहुत ही रामबाण होता है
- यह संक्रमण से शुरक्षा करता है
- पाचन क्रिया में बहुत ही सहायक होता है
- सहजन यौन छमता को बढाता है
सेहत के लिए सहजन रामबाण माना जाता है सहजन की फली गुणों की खान है। सहजन की यह फली न सिर्फ बढ़िया स्वाद के लिए मशहूर है, बल्कि सेहत और सौंदर्य के बेहतरीन गुणों से भी भरपूर है। सहजन का सेवन करने से यौन क्षमता बढ़ती है। पुरुषों में यह शुक्राणुओं की संख्या बढ़ाने और वीर्य को गाढ़ा करने में मददगार होता है। महिलाओं के लिए सहजन का सेवन माहवारी संबंधी परेशानियों के अलावा गर्भाशय की समस्याओं से भी बचाता है।
त्वचा पर होने वाले रोगो से मुक्ति दिलाता है, इसके कोमल पत्तियों का सेवन भी सब्जियों के रूप में किया जाता है, सहजन में विटामिन सी का स्तर उच्च होता है जो आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर कई बीमारियों से रक्षा करता है।
बवासीर जैसी समस्याओं का इलाज भी मोरिंगा के पास है। इसका सेवन करते रहने से बवासीर और कब्जियत की समस्या नहीं होती। वहीं पेट की अन्य बीमारियों के लिए भी यह बहुत ही फायदेमंद है।
बहुत ज्यादा सर्दी होने पर भी सहजन का सेवन फायदेमंद होता है। इसे पानी में उबालकर उस पानी की भाप लेना बंद नाक को खोल देता है और सीने की जकड़न के दर्द को कम करने में मदद करता है। गर्भावस्था के दौरान मोरिंगा का सेवन महिलाओं और शिशु के लिए फायदेमंद होता है। गर्भावस्था में इसका सेवन करते रहने से शिशु के जन्म के समय आने वाली समस्याओं से बचा जा सकता है।
सहजन के पेड़ के बारे में
सहजन का पेड़ अक्सर गावो में पाया जाता है| और सहजन का पेड़ बहुत ही नरम होता है और इस पेड़ की उचाई भी बहुत जादा नही होती है और इसका पेड़ इतना कमजोर होता है इसके मोटी डाल पर चढ़ बच्चा चढ़ जाये तो डाल टूट जाती है