चक्रासन योग धनुरासन का उल्टा होता है। इस आसन का दूसरा नाम उध््रव धनुरासन है। चक्रासन योग में हमारा शरीर एक पहिए का आकार ले लेता है। इस आसन को करने से हमारे शरीर को काफी फायदे होते हैं। आइए आज हम आपको बताते हैं कि चक्रासन किस तरह करना चाहिए और इस आसन को करने से क्या क्या फायदे हो सकते हैं।
चक्रासन करने की विधि
चक्रासन करने के लिए सबसे पहले दरी या चटाई बिछा लें। अब अपने पीठ के दरी पर बल लेट जाएं। अब अपने तलवों को जमीन पर जमा लें और अपने दोनों पैरों को मोड़कर नितम्बों के पास लेकर आ जाएं, अब अपने पैरों को खड़ा कर दें। दोनों पैरों के बीच करीबन 1 फिट की दुरी रखें। हाथों को हथेलियों को जमीन की तरफ रखकर अपने कमर को धीरे धीरे ऊपर की तरफ लेकर जाएं। अब आप अपने शरीर को ढीला छोड़ दें और गहरी सांसे ले लें। अपने सिर को कमर की ओर लाने की कोशिश करें। शरीर को ऊपर की तरफ ले जाते हुए आप अपनी सांसों को रोक लें। इस आसन को करते समय आप ऊपर 15 सेकेंड के लिए रूक जाएं। इसके बाद धीरे धीरे समय बढ़ाएं। फिर पीठ के बल लेट कर वापस आएं।
चक्रासन के फायदे
- इस आसन को करने से हमारा पाचन तंत्र दुरूस्त होता है।
- इस आसन को करने से रीढ़ की हड्डी और कमर मजबूत होता है।
- इस आसन को करने से मोटापा और शरीर की चर्बी कम होती है।
- इस आसन को करते समय बरते यह सावधानियां
- इस आसन को करना जरा कठिन होता है, इसलिए अपनी क्षमता को ध्यान में रखते हुए इस आसन को करें।
- अगर आपका ऑपरेशन हुआ हो, या आप दिल के मरीज, कमर और गर्दन दर्द से ग्रस्त हैं तो ऐसे में आप इस आसन को ना करें।
- गर्भवती महिलाएं इस आसन को करने से बचें।
- अगर आप हाई ब्लड प्रेशर से ग्रस्त हैं तो इस आसन को करने से बचें।
इस आसन को आप अपनी क्षमता के अनुसार ही करें। आप इस आसन को करते समय किसी योग शिक्षक के अनुसार ही करें। अगर इस आसन को करने से आपको किसी भी तरह की समस्या का सामना करना पड़े तो ऐसे में आपको सीधा डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।