हाइपरटेंशन यानि उच्चरक्तचाप की समस्या आजकल के दिनों में आम बीमारी बन गई है। आप पूरी तरह से सेहतमंद हैं और आप अपने आप को फिटनेस के हर मानदंडों पर फिट मानते है तो रूकिये शरीर के भीतर चुपचाप कोई बीमारी अपनी पकड़ मजबूत कर रही हो। हाइपरटेंशन या उच्च रक्तचाप ऐसी ही चुपचाप धावा बोलने वाली बीमारी है। यह समस्या इतनी गंभीर है कि हर तीन में से एक भारतीय युवा इस बीमारी से पीड़ित है।
यह एक शांत ज्वालामुखी की तरह है जिसमे बाहर से कोई लक्षण या खतरा नहीं दिखाई नहीं देता पर जब यह ज्वालामुखी फटता है तो हमारे शरीर पर लकवा और हार्ट अटैक जैसे गम्भीर परिणाम हो सकते है। पहले यह माना जाता था की यह समस्या उम्रदराज लोगो की समस्या है लेकिन बदलते माहौल में यह समस्या बच्चों और युवाओं में भी फैलती जा रही है। कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के एक अध्ययन के अनुसार अनियंत्रित उच्च रक्तचाप तेजी से मध्यम आयुवर्ग लोगों के सीधे मस्तिष्क पर असर डाल रहा है।
जानें हाइपरटेंशन क्या है
रक्तचाप या ब्लड प्रेशर रक्तवाहिनियों में बहते रक्त द्वारा वाहिनियों की दीवारों पर डाले गए दबाव को कहते हैं। जैसे- व्यसक का नॉर्मल ब्लड प्रेशर 120/80 mm/Hg माना जाता है। जबकि इसका माप 140/90 mm/Hg हो तो इसे उच्च रक्त चाप माना जाता है। यह तब होता है जब हृदय की मांसपेशियाँ संकुचित होकर धमनियों में रक्त को पंप करती है।
उच्चरक्त चाप के लक्षण
अधिकांश मामलों में उच्च रक्तचाप के बारे में पता नहीं चलता क्योंकि इस बीमारी के लक्षण काफी अस्पष्ट (चक्कर आना, सिर में दर्द, नाक से खून आना, तनाव और थकान) से हैं। इन लक्षणों को हम आसानी से अनदेखा कर जाते हैं। कुछ लोगो में ज्यादा ब्लड प्रेशर बढ़ जाने पर सरदर्द होना, ज़्यादा तनाव, सीने में दर्द या भारीपन, सांस लेने में परेशानी, अचानक घबराहट, समझने या बोलने में कठिनाई, चहरे, बांह या पैरो में अचानक सुन्नपन, झुनझुनी या कमजोरी महसूस होना या धुंधला दिखाई देना जैसे लक्षण दिखाई देने लगते है।
उच्चरक्तचाप के कारण
तनाव, खानपान के तौर-तरीकों में आया बदलाव, शारीरिक सक्रियता और व्यायाम की कमी उच्च रक्तचाप के लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार हैं। स्मोकिंग, मोटापा, खाने में नमक की ज्यादा मात्र का इस्तेमाल, शराब का नियमित सेवन, तनाव, ज्यादा उम्र, जीन्स से जुड़ी गड़बड़ी, परिवार में उच्च रक्तचाप का इतिहास, किडनी से जुड़ी गंभीर बीमारी और थाइरॉयड से जुड़ी परेशानी भी उच्च रक्तचाप के लिए जिम्मेदार होते हैं।
उच्चरक्तचाप नियंत्रण के उपाय
- सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि रोगी को नमक का प्रयोग बिल्कुल कम कर देना चाहिये। नमक ब्लड प्रेशर बढाने वाला प्रमुख कारक है।
- तनाव से दूर रहें और अपना वजन संतुलित रखें।
- उच्च रक्तचाप से संबंधित लक्षण नजर आने पर डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें।
- बढे हुए ब्लड प्रेशर को जल्दी कंट्रोल करने के लिये आधा गिलास पानी में आधा निंबू निचोडकर 2-2 घंटे के अंतर से पीते रहें।
- नियमित रूप से व्यायाम करें और 25 साल की उम्र के बाद 6-6 महीने में अपने ब्लड प्रेशर का चेकअप करवायें।
- जब ब्लड प्रेशर बढा हुआ हो तो आधा गिलास मामूली गरम पानी में काली मिर्च पाउडर एक चम्मच घोलकर 2-2 घंटे के अंतराल पर पीते रहें।