अपने बच्चे के खानपान को लेकर हर पैरेंट्स को चिंता होती है। लेकिन हर किसी पैरेंट्स को बच्चों की बैलेंस डाइट की जानकारी नहीं होती है। कभी प्यार से तो कभी जिद्द के कारण पैरेट्स बच्चों के खाने से खिलवाड़ कर जाते है। बच्चों की जंक फूड में बढ़ती दिलचस्पी के कारण मोटापे से ‘फैटी लिवर’ की समस्या बढ़ रही है जो लिवर से जुड़ी तमाम दूसरी गंभीर बीमारियों को जन्म दे रही है। यह बदलती जीवनशैली का नतीजा रहा कि घर के खाने के बजाए बाहर के खाने का या रेडीमेड फूड का चलन बढ़ा है। मोटापे के कारण बच्चों की पाचन प्रक्रिया प्रभावित हो रही है जो आगे चल कर उन्हें हृदय रोगी भी बना रही है। ऐसे में जरूरी है कि आप अपने बच्चों को ना सिर्फ संतुलित आहार दें बल्कि संतुलित आहार के बारें में उपयुक्त जानकारी भी दें-
बच्चों के लिए पौष्टिक आहार
स्वस्थ खाना, बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए बेहद जरूरी है। स्वस्थ खाने से बच्चे ऊर्जावान बने रहते हैं तथा बच्चों का दिमाग भी तेज होता है। बच्चों में स्वस्थ खाने की आदत भी परिवार के सदस्य ही डाल सकते हैं। ऐसे में यह बेहद जरूरी है कि बच्चों को हर तरह के खानपान की ना सिर्फ जानकारी दे बल्कि अच्छे और बुरे का भी ज्ञान दें। जिससे बच्चों में बचपन से ही स्वस्थ और अच्छे खान पान की आदत बन जाए।
जंक फूड के नुकसान
जंक फूड की ओर बच्चे जल्दी आकर्षित होते हैं लेकिन बच्चों को यह बताना बेहद जरूरी है कि जंक फूड शरीर को किसी भी मायने में फायदा नहीं पहुंचाता।बच्चों को वही भोजन देना चाहिए जो पोषक तत्वों से भरपूर हो। अच्छे पोषक तत्व मोटापा, कमजोर हड्डियां आदि से बचने में सहायता करते हैं। जंक फूड के पैकेट में दी गई मात्रा के अनुसार सेवर से होने वाले नुकसान के बारें में बच्चों को समझाना चाहिए।
बच्चों के लिए आवश्यक पोषक तत्व
बच्चों के संपूर्ण ग्रोथ के लिए जरूरी है कि हम ऐसे डाइट का पालन करें जिससे बच्चें को पूरे पोषण मिल सकें। इसके लिए नीचे दिए गए डाइट प्लान का भी पालन किया जा सकता है। बच्चों के सपूर्ण विकास के लिए जरूरी है कि उन्हें विटामिन और मिनरल भरपूर दिया जाएं। बच्चों को ऐसे पदार्थ ज्यादा देने चाहिए जिसमें कैल्शियम भरपूर मात्रा में हो। विटामिन और आयरन के लिए बच्चों को अधिक से अधिक पत्तेदार सब्जियां देनी चाहिए। बच्चों को बचपन से ही फल और सब्जियां खाने की आदत डलवानी चाहिए ताकि उसे पर्याप्त मात्रा में विटामिन और फाइबर मिल सके। दूध और डेयरी प्रोडक्ट को रोजाना की डाइट में जरूर देना चाहिए।
क्या खिलाएं क्या ना खिलाएं
– बच्चों को आर्टिफिशियल शुगर लेने से रोकें, जैसे आर्टिफिशियल ड्रिंक, जूस आदि।
– प्रोसेस्ड फूड से बच्चों को दूर रखें जैसे कि सफेद ब्रेड और केक आदि।
– घर पर फलों और सब्ज्यिों को डालकर फ्रोजन करें और बच्चों की ड्रिंक्स में मिलाएं
-बच्चों को घर पर ताजा जूस तैयार करके दें, डिब्बाबंद फलों की जगह ताजे फल और सब्जियां खाने को दें।
– रेस्टोरेंट, प्रोसेस्ड और पैक्ड फूड से बच्चों को दूर रखें। ऐसे भोज्य पदार्थों में सोडियम होता है जो बच्चों को नुकसान पहुंचाता है।
-आलू चिप्स, फिंगर चिप्स आदि को कम खिलाएं।