नीम को सर्वोच्च औषधि के रूप में जाना जाता है। इसका नाम सुनते ही भले आपको कडवाहट का एहसास होता हो लेकिन क्या आप जानते है कि इसकी कड़वी पत्तियां आपके सेहत के लिए कितनी फायदेमंद होती है। नीम की पत्तियों का इस्तेमाल रक्त को साफ़ करने, खुजली, दाद, फोड़े फुंसियां आदि को ठीक करने के लिए किया जाता है।
कई बड़ी परेशानियों से छुटकारा दिलाने में मदद करते है। नीम पत्तों का पीसा हुआ लेप गुणकारी औषधि की तरह इस्तेमाल किया जाता है। यह त्वचा की संक्रमित बीमारी को ठीक करने में सहायक है। यही नहीं मधुमेह के रोगियों के लिए भी यह रामबाण का काम करती है। रक्त को शुद्ध करने के लिए नीम का प्रयोग किया जाता है।ये हैं नीम के कई और अनसुने और स्वास्थवर्धक फायदें-
नीम फेस पैक
नीम का प्रयोग फेस पैक के रूप में भी फायदेमंद है। इसका पेस्ट तैयार करने के लिए 10 नीम की पत्तियों को संतरे के छिलके के साथ पानी में उबाल ले, फिर इसका पेस्ट बना ले। फिर उसमें शहद, दही और सोया मिल्क मिलाकर स्मूथ पेस्ट बना ले। इसको तीन हफ्तों तक चहरे पर लगाने से पिम्पल, ब्लैकहेड्स और चेहरे से संबंधित कोई भी परेशानिया नहीं होती है।
घाव होने पर
अगर किसी भी प्रकार का घाव हो गया है तो नीम के पत्तों का लेप लगाने से काफी फायदा होता है। नीम की पत्तियों के साथ जैतून के तेल का पेस्ट बनाकर लगाने से भी राहत मिलती है।
मलेरिया से बचे
मलेरिया बुखार हो जाने पर नीम की छाल को पानी में उबालकर उसका काढा बना ले। अब दिन में इस काढ़े को दो चम्मच पिने से बुखार जल्द ही ठीक होता है और शरीर में कमजोरी भी महसूस नहीं होती है।
पायरिया की बीमारी
नीम की पत्तियों को काढ़ा बनाकर उसका कुल्ला करने से मुह की दुर्गन्ध दूर होती है। दांतो को मजबूत बनाने के लिए और पायरिया की बीमारी से बचने के लिए भी नीम का काढ़ा फायदेमंद होता है।
नीम तेल मलिश
नीम के तेल का प्रयोग थेरेपी के रूप में भी किया जाता है। सिर दर्द, बदन दर्द, हाथ पैर का दर्द या फिर सीने के दर्द के लिए नीम के तेल की मालिश काफी गुणकारी होती है।
रक्त में लाये शुद्धि
नीम के पत्तों को पीसकर इसकी गोली सुबह-शाम शहद के साथ लेने से रक्त साफ रहता है। जली हुई जगह पर नीम के तेल या उसके पत्तों को पीसकर लगाने से आराम मिलता है। फोड़े-फुंसियों होने पर नीम के पत्तों का लेप लगाने से फायदा मिलता है।