टीबी यानि क्षय रोग माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्यूलॉसिस नामक बैक्टीरिया से फैलता है. ये संक्रमण रोग है. अब बलगम या एक्स-रे नहीं, बल्कि स्किन टेस्ट से टीबी की स्क्रीनिंग होने लगी है, जिसे ट्यूबरक्यूलिन या पीपीडी टेस्ट भी कहते हैं. PPD टेस्ट से यह भी पता लगाया जाता है कि टीबी से संक्रमित मरीज के शरीर में TB के प्रति रोगप्रतिरोधक क्षमता बन गई है या नहीं.

टीबी रोग को एकदम से समाप्त करने के लिए ज्यादा-से-ज्यादा रोगियों को चिह्नित किया जा रहा है, ताकि उनका सही समय पर इलाज हो सके. साथ ही परिवार या समुदाय में टीबी के बैक्टीरिया को फैलने से रोका जाए. हालांकि, अभी तक टीबी की जांच बलगम या फेंफड़े के एक्स-रे से होता है. टीबी से संक्रमित मरीज के परिवार और आसपास के लोग इस बैक्टीरिया से ग्रस्त होते हैं, लेकिन लक्षण न होने से वे अपनी जांच कराने को तैयार नहीं होते हैं.
अब स्वास्थ्य विभाग ने ऐसे मरीजों को चिह्नित करने के लिए ही ट्यूबरक्लोसिस स्किन टेस्ट (टीएसटी) करने का फैसला किया है. इसमें रोगियों को बलगम देने या एक्स-रे कराने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी. खून या बायोप्सी की मदद से टीबी के बैक्टीरिया का पता चल जाएगा.
जानें टीबी का स्किन टेस्ट कैसे होता है?
अगर आप किसी टीबी से संक्रिमत मरीज के लगातार संपर्क में हैं या ऐसे स्थिति में हैं, जिससे आपको टीबी होने का खतरा है तो इस टेस्ट की सहायता से भी संक्रमण का पता लगाया जा सकता है.