मां बनने का मतलब है एक नई दुनिया में प्रवेश करना, एक नये जीवन से अपना रिश्ता जोड़ना, नई जिम्मेदारियों से रु-ब-रु होना। बच्चे के इस नई दुनिया में प्रवेश करने से पहले जो सबसे जरूरी चीज है, वह यह है कि गर्भावस्था के दौरान महिला अपनी उचित देखभाल करे। अक्सर देखा जाता है कि महिलाओं के गर्भवती होने के कुछ महीनों बाद एकदम से आराम की सलाह दी जाती है, लेकिन गर्भावस्था में हल्के काम और व्यायाम से जन्म लेने वाले बच्चे को कुछ बीमारियों से बचाया जा सकता है।
विशेषज्ञों की मानें तो इस दौरान व्यायाम करना मां और बच्चे दोनों के लिए ही बहुत फायदेमंद होता है। आमतौर पर देखने में आता है कि गर्भावस्था के दौरान महिला घर के सारे घरेलू काम करती हैं और उसे ही अपना व्यायाम मान लेती हैं। पर विशेषज्ञों का कहना है व्यायाम करते रहने से नॉर्मल डिलीवरी होने के चांसेज बढ़ जाते है। साथ ही महिला को दोबारा शेप में आने में भी ज्यादा समय नहीं लगता है। हालांकि इस दौरान बेहद सतर्क होकर ही एक्सरसाइज करें क्योंकि एक भी गलत मूव बच्चे और मां के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है। इसलिए इसे डॉक्टर की परामर्श से ही करना चाहिए।
गर्भावस्था में व्यायाम करने के फायदे व सुझाव:
- व्यायाम करने से पहले हर गर्भवती महिला को अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए। यह जानना चाहिए कि कौन सा व्यायाम आपको सूट करेगा।
- गर्भावस्था के दौरान व्यायाम आपके शरीर में रक्त का संचार अच्छा करता है। ताजी हवा आपके फेफड़ों तक पहुंचती है। इससे आपके शरीर को और होने वाले बच्चे को काफी लाभ होता है।
- गर्भावस्था में अक्सर महिलाओं को कमर दर्द, कब्ज और थकान की शिकायत हो जाती है। ऐसे में नियमित व्यायाम करने से आराम मिलता है।
- व्यायाम से वजन नियंत्रित रहता है, हालांकि गर्भावस्था में वजन बढ़ना तय है लेकिन व्यायाम नियमित रूप से करने से फिटनेस बनी रहती है।
- पेट के बल लेटकर कोई व्यायाम ना करें। कुछ भी ऐसा ना करें कि आपकी बॉडी को तकलीफ हो और थोड़ा भी अनकर्फटेबल लगने पर चिकित्सक से सलाह लें।
- गर्भावस्था में अक्सर महिलाओं को नींद न आने की शिकायत हो जाती है। ऐसे में व्यायाम करने से नींद अच्छी आती है।
- गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को अक्सर पीठ और कमर में दर्द की शिकायत बनी रहती है। इसके लिए इन्हें बैक एक्सरसाइज करना चाहिए। ऐसी एक्सरसाइज को डॉक्टर की सलाह के आधार पर ही करना चाहिए।
- गर्भावस्था के दौरान महिला को अपने शरीर में पानी की कमी नहीं होने देनी चाहिए। गर्भवती महिला को शारीरिक परिवर्तन होने के कारण अधिक पानी की आवश्कता पड़ती है इसलिए कसरत करने से पहले और कसरत करने के बाद भी पानी की बराबर मात्रा शरीर में होना आवश्यक है। ऐसे में ग्लूकोज़ वाला पानी ज्यादा फायदेमंद हो सकता है।
- साथ ही व्यायाम करते रहने से डिलीवरी के बाद दोबारा शेप में आना ज्यादा आसान हो जाता है।